नव वर्ष २०१० की शुभकामना
* आप सब को नवल वर्ष २०१० की हार्दिक शुभकामनाएं *
मुस्कान सभी अधरों पर छाये,
समग्र विश्व एक सुर में गाये ,
दीप ख़ुशी के जग में हों रोशन
नव वर्ष, सम्पूर्ण नवलता ले आये |
तम के गलियारे सारे जग के
जगमग हों अब शुभ्र ज्योति से
कोपलें सुमति की फूटें हरसू
धरा ज्ञान से जगमग हो जाये |
दूर क्षितिज से किरणे जो फूटें
नवल जोश का सबमें संचार करें,
हर एक आँगन में महकें खुशियाँ
'श्वेत' शान्ति का परचम लहराये |
जो गया, हो गया, उसे भूल कर
आँखें मसल, इस नव भोर में अब,
नव स्वप्न, निज पलकों में भर
सफलता के उत्कर्ष को सब पायें |
मिटें ये दूरियां, सबके दिलों की
भेद भी कोई हमारे अब न रह पायें ,
सीमायें हों दफ़न सारी अपनी जगह
वसुधा अब कुटुम्ब एक हो जाये |
परिंदों सी ऊँची, सब उड़ाने लगायें
अहम् से जुदा, सबको अपना बनायें,
मेरी कामना है इस नव वर्ष में सब
द्वेष को भूल, प्रेम की बगिया सजाएँ |
नव वर्ष की जो पहली सुबह आये
उषा की उज्जवल किरण, सबको जगाये,
सुखी हों , स्वस्थ हों , खिलें ख़ुशी से,
तन मन में सबके नव उमंगें भर जाये |
-------------- निपुण पाण्डेय "अपूर्ण"
3 टिप्पणियाँ:
बेहतरीन!!
वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
- यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-
नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
बहुत बढिया .. आपके और आपके परिवार के लिए भी नववर्ष मंगलमय हो !!
बेहतरी रचना के लिए
बहुत -२ आभार
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